राजकीय महाविद्यालय, नूरपुर में आज एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया
नूरपुर जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश से हमारे विशेष प्रतिनिधि डॉक्टर अर्चिता महाजन की विशेष रिपोर्ट

राजकीय महाविद्यालय, नूरपुर में आज एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया,
नूरपुर जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश से हमारे विशेष प्रतिनिधि डॉक्टर अर्चिता महाजन की विशेष रिपोर्ट
राजकीय महाविद्यालय, नूरपुर में आज एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया
जिसमें भारतीय सेना के 81 आर्मर रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल निशांत रथ ने “ऑपरेशन सिंदूर” विषय पर छात्रों को संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के एन सी सी, एन एस एस एवं रॉवर रेंजर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कर्नल निशांत रथ ने ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि, रणनीतिक महत्व, और इसके दौरान भारतीय सेना द्वारा किए गए अद्वितीय सैन्य प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार यह ऑपरेशन भारतीय सुरक्षा बलों की दृढ़ संकल्प और रणनीतिक कुशलता का प्रतीक रहा है।कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रश्नोत्तर सत्र में कर्नल से जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। कर्नल ने युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि “हर नागरिक का दायित्व है कि वह देश की सुरक्षा और विकास में अपनी भूमिका निभाए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ठाकुर ने कर्नल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्याख्यान छात्रों में देशभक्ति और जागरूकता की भावना को प्रबल करते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ठाकुर ने कर्नल निशांत रथ, एडजुटैंट कप्तान शुभम ठाकुर एवं सूबेदार मेजर विक्रम सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कर्नल निशांत रथ ने ऑपरेशन सिंधूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जो मई 2025 में पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के बाज़ारों और ठिकानों को निशाना बनाने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया एक त्वरित और सटीक सैन्य अभियान था। इस ऑपरेशन की योजना तुरंत पहलगाम हमले के बाद बनाई गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई थी। ऑपरेशन सिंधूर में भारतीय सेना ने नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें उन्नत ड्रोन, मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बिना किसी भारतीय सैन्य संपत्ति के नुकसान के सफलता हासिल की गई। उन्होंने बताया कि यह हमला केवल दंडात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से पाकिस्तान की अफ़वाहवादी क्षमताओं को नष्ट करने के लिए था। भारतीय वायु सेना और सेना के संगठित और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी हमला ड्रोन और मिसाइलों को प्रभावी तरीके से विफल कर दिया। ऑपरेशन सिंधूर के दौरान पांच भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनका भी कर्नल ने सम्मानपूर्वक उल्लेख किया। इस व्याख्यान ने छात्रों में भारतीय सेना मे शामिल होने की प्रेरणा जगाई और यह स्पष्ट किया कि देश की रक्षा में सेना की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।इस अवसर पर कमांडिंग ऑफिसर कर्नल निशांत रथ ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ठाकुर का मेमेंटो देकर सम्मान किया गया।
यह कार्यक्रम भारतीय सेना की ताकत और उनकी आधुनिक रणनीतियों को समझने का उत्कृष्ट प्रयास रहा। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सीमा ओहरी द्वारा किया गया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी प्रोफेसर सीमा ओहरी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय से एन सी सी से 65, एन एस एस से 50 एवं रॉवर रेंजर के 20 स्वयंसेवक एन सी सी प्रभारी लेफ्टिनेंट सुरजीत कुमार, एन एस एस के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर सुरजीत सिंह, एवं रॉवर के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर शिव उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य डॉ दिलजीत सिंह, प्रोफेसर अंजना, प्रोफेसर रीमा, डॉ सोहन, डॉ सत्य प्रकाश, डॉ मनोज एवं अन्य आचार्य मौजूद रहे।



