Voice of Himachal Media and Kala Manchउनाकाँगड़ाकिन्नौरकुल्लूचंबाधर्मशालानूरपुरबद्दीबिलासपुरमंडीलाहौल और स्पीतीशिमलासरकाघाटसिरमौरसुंदरनगरसोलनहमीरपुरहिमाचल प्रदेशहिमाचल संस्कृति

राजकीय महाविद्यालय नूरपुर के एनसीसी कैडेट्स में सामाजिक सेवा एवं सामुदायिक विकास और पुनीत सागर के तहत पेपरबैक दिवस के उपलक्ष पर पोस्टर मेकिंग एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

नूरपुर जिला कांगड़ा हिमाचल से हमारे विशेष प्रतिनिधि डॉक्टर अर्चिता महाजन की विशेष रिपोर्ट

राजकीय महाविद्यालय नूरपुर के एनसीसी कैडेट्स में सामाजिक सेवा एवं सामुदायिक विकास और पुनीत सागर के तहत पेपरबैक दिवस के उपलक्ष पर पोस्टर मेकिंग एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

नूरपुर जिला कांगड़ा हिमाचल से हमारे विशेष प्रतिनिधि डॉक्टर अर्चिता महाजन की विशेष रिपोर्ट

आज 12 July राजकीय महाविद्यालय नूरपुर के एनसीसी कैडेट्स में सामाजिक सेवा एवं सामुदायिक विकास और पुनीत सागर के तहत पेपरबैक दिवस के उपलक्ष पर पोस्टर मेकिंग एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें एनसीसी के साथ कैडेट में भाग लिया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय डॉ अनिल कुमार ठाकुर जी की अध्यक्षता में हुआ उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि हम सब यहाँ उपस्थित हुए है पेपर जागरूक करने के लिए । पर्यावरण के लिए नुकसानदायक प्लास्टिक बैग्स की जगह पेपर बैग के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस वर्ष के पेपर बैग दिवस का थीम “पर्यावरण के लिए एक कदम, पेपर बैग पर्यावरण अनुकूल बनने का है, क्योंकि हम जलवाय परिवर्तन और वैश्वीकरण जैसे वास्तविक संकटों से जूझ रहे है। प्लास्टिक से कागज़ पर एक साधारण बदलाव भी प्रभाव डाल सकता है। और सबसे अच्छी बात यह है कि यह हर कोई कर सकता है। महाविद्यालय की वरिष्ठ आचार्य सीमा ओहरी के अपने अभिभाषण में कहा कि पेपर बैग दिवस का उद्‌देश्य अधिक टिकाऊ और एक छोटा सा बदलाव, बड़ा प्रभाव डालती है। पेपर बॅग को नष्ट होने में महीनाभर लगता है। जब‌कि प्लास्टिक की थैली दीर्घकाल तक नष्ट नहीं होती । पेपर बैग से ग्रीन हाउसू गैसें प्रभावित नहीं होती, ओजोन परत को हानि नहीं। पेपर बैग पालत जीवीं, वन्य जीतों और समुद्री जीवों के लिए भी सुरक्षित है। केले और मशरूम को पेपर बैंग में लपेटकर लंबे समय तक रख सकते हैं। खाद बनाने के लिए कचरे के साथ पेपर बैग का उपयोग हानिकारक नहीं हैं एक घोटा परिवार सप्ताहभर में औसतन म पेपर बैग इस्तेमाल करता। एक टन पेपर बैग को रिसाइकल किया जाए तो वह 3.3 क्यूबिक यार्ड तक की जमीन को सेप रखता है। उपयोग में आसान, सस्ती और प्रकृति के लिए सुरक्षित, इसलिए पेपर बैग चुनें। अपना शॉपिंग बॅग अभी बदलें क्योंकि पेपर बैंग बायोडिग्रेडेबल और मजबूत होते हैं। संकल्प लें कि आज ही अपनी किराने की खरीदारी के लिए पेपर बैग ले जाएं। डॉक्टर बार-बार बतलाए प्लास्टिक से कैंसर हो जाए। जब‌कि प्लास्टिक की थैली दीर्घकाल तक नष्ट नहीं होती । पेपर बैग से ग्रीन हाउसू गैसें प्रभावित नहीं होती, ओजोन परत को हानि नहीं। पेपर बैग पालत जीवीं, वन्य जीतों और समुद्री जीवों के लिए भी सुरक्षित है। केले और मशरूम को पेपर बैंग में लपेटकर लंबे समय तक रख सकते हैं। खाद बनाने के लिए कचरे के साथ पेपर बैग का उपयोग हानिकारक नहीं हैं एक घोटा परिवार सप्ताहभर में औसतन म पेपर बैग इस्तेमाल करता।एक टन पेपर बैग को रिसाइकल किया जाए तो वह 3.3 क्यूबिक यार्ड तक की जमीन को सेप रखता है।उपयोग में आसान, सस्ती और प्रकृति के लिए सुरक्षित, इसलिए पेपर बैग चुनें।अपना शॉपिंग बॅग अभी बदलें क्योंकि पेपर बैंग बायोडिग्रेडेबल और मजबूत होते हैं। संकल्प लें कि आज ही अपनी किराने की खरीदारी के लिए पेपर बैग ले जाएं। डॉक्टर बार-बार बतलाए प्लास्टिक से कैंसर हो जाए। कागज़ – जूट की अपनाओ, प्लास्टिक को दूर हटाओ । इस उपलक्ष पर महाविद्यालय अन्य कर्मचारी प्रोफेसर मनजीत डॉ दलजीत सिंह प्रोफेसर सुरजीत डॉ सोहन प्रोफेसर शिव एवं एनसीसी के प्रभारी लेफ्टिनेंट सुरजीत कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button